NOT KNOWN DETAILS ABOUT BHOOT KI KAHANI

Not known Details About bhoot ki kahani

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Bhoot ki kahani

बाइक रुकने के साथ वो मेर नजदीक आई और कहने लगी …. क्या आप मुझे थोड़ी दूर छोड़ दोगे ……? ऐसा कहकर उसने मुझसे लिफ्ट मांगी इसपर पहले तो मैं मना कर दिया लेकिन बाद मैं मैंने सोंचा एक अकेली औरत इतनी रात को अकेले बीएस का इंतज़ार कर रही है और दूर दूर तक किसी बस ,ऑटो या किसी दूसरी सवारी गाडी आने की की संभावना भी नहीं है , तो मैंने अपने मन मैं सोंचा की मुझे एक औरत की मदद करनी चाहिए ।

एक गाँव मे हर अमावस्या की रात को एक भूत समोसा बेचने निकलता था। आधी रात होते ही भूत समोसे से भरी टोकरी सर पर […]

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ते लगाते उसकी कार ने उस औरत को टक्कर मार दी। वो औरत अपने बच्चे सहित लगभग बीस फीट ऊपर उछल गईं। और फिर जमीन पर गिरकर तड़पने लगी। वो भयानक दृश्य देखकर आकाश का पैर कांपने लगा। आकाश ने अचानक से ब्रेक ...

यह घटना चार-पांच दिन तक मेरे साथ होती रही। तो मैंने छठे दिन जब सवेरे मेरे मित्र लोग स्कूल में पढ़ाने आए । तब मैंने यह बात सबको बताई । सब ने बोला हां मैंने भी सुना है ।

तो मैंने देखा कि जैसे कोई सफेद साड़ी पहनकर,बाल खोलकर,लाल कलर की लाली लगाकर, जोर-जोर से हंस रही थी। मैने डर के मारे आंख नीचे कर लि.और नीचे देखने लगी। तभी कोई के चिल्लाने की आवाज आई.

गरुण पुराण के अनुसार कौन लोग नरक की यातना सहते है

और तभी मुझे याद आया कि वो जो चिट्ठी आई थी। उसमें उसका पता तो होगा।

ऐसा क्या हुआ जो वह लड़की आज नहीं आई । फिर मैं अपने घर की तरफ निकल पड़ा। एक हफ्ते बाद मेरे घर पर एक चिट्ठी आई और मुझे पता चल गया था कि यह चिट्ठी उसकी ही है। उसमें उसका नाम प्रीति लिखा हुआ था।

मैं मामा से कुछ बोल पाता इसके पहले ही मां ने मामा को बोला हां भैया! अब मैं ठीक हूं आप घर चले जाइए। मेरे घर पर मैं और मेरी मां ही बची , दो-चार दिन बीत गया । तब एक दिन रात में मुझे जोर की प्यास लगी। और मैं आंगन में पानी पीने के लिए उठी।

‌आज मैं आप सभी को एक सत्य घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ। मेरे मित्र के पिता लाल सिंह बैंक में एक कर्मचारी थे । वह भूत प्रेत जैसी आत्माओं का बहुत मजाक उड़ाते थे । वह कहते थे कि शैतानी शक्तियों जैसी कोई चीज नहीं होती। और वह चाहे रात हो या .

प्रसाद की लाश जोर जोर से चिल्लाने लगी। उसे कोई बचाने और वह मरना नहीं चाहता था। रमेश को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। उसने अपनी पूरी जान लगा दी। उस स्टेशन से बाहर निकलने में और घबराता हुआ रमेश उस स्टेशन से भाग गया। कुछ दिनों बाद एक नया गार्ड स्टेशन पर ड्यूटी करने आया।

तब तक प्रसाद उसके पास आकर उससे बात करने लगा।

वैसे मै भूत प्रेतों में विश्वास नहीं करता हु लेकिन उस दिन जो मेरे साथ हुआ उसको देखकर मुझे इस किस्से को आपके समक्ष रखना […]

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